हम तो कह के रहेँगे सच्चाई ,
ताकी बहरे भी सुन लेँ मेरी आवाज को
कितने कतरे बहे हैँ खून के इस आजादी के लिए,इस बात को
कुछ अपने,कुछ बाहरी लोग डरा रहे है इस देश को
कब पहचानेगे हम पापियो के भेष को
जब तक रहेँगे गांधी,भगत जैसे विर,कुछ नही होगा देश के ताज को
हम तो कह के रहेँगे सच्चाई ,
ताकी बहरे भी सुन लेँ मेरी आवाज को
कितने कतरे बहे हैँ खून के इस आजादी के लिए,इस बात को
तेरा भारत,मेरा भारत है ये हम सबका भारत
इसको,उसको सब दूश्मन को,देगा जवाब अपना भारत
अब भी संभल जाओ ऐ गद्दारोँ,छोङ न देँ हम सब्र के बाध को
हम तो कह के रहेँगे सच्चाई ,
ताकी बहरे भी सुन लेँ मेरी आवाज को
कितने कतरे बहे हैँ खून के इस आजादी के लिए,इस बात को
Friday, February 11, 2011
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